किसी ने ख़बर दी की तुम आ रहे हो।
मैं सोच में पड़ गई|
तुम आ रहे हो?
तुम गए ही कब जो अब आ रहे हो?
मैं थो सोची रही की तुम यही थे,
हमेशा - मेरे पास|
वोह और कौन था?
मेरे संग जो हस्सा, फिर वोह कौन था?
मेरे संग जो रोया, फिर वोह कौन था?
मुझसे बातें करनेवाला, फिर वोह कौन था?
मुझे थपकियाँ देकर सुलाने वाला, फिर वोह कौन था?
मुझसे जो रूठा, फिर वोह कौन था?
मुझसे जो सताया, फिर वोह कौन था?
मुझे प्यार करनेवाला, फिर वोह कौन था?
मुझे राह दिखनेवाला, फिर वोह कौन था?
तुम जब गए ही नहीं, थो कहाँ से आ रहे हो?
कैसे तुम्हारी माया है?
यहीं रहते हो फिर आने का संदेशा भी भिजवाते हो!
Tuesday, September 16, 2008
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